दो से पांच रुपये के ब्याज की वसली के लिये जारी हो रहे कानूनी नोटिस

दो से पांच रुपये के ब्याज की वसली के लिये जारी हो रहे कानूनी नोटिस


मुंबई (प्रा.सं.)। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड एवं सीमा शुल्क (सीबीआईसी) द्वारा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के बकाये पर ब्याज की वसूली के निर्देश जारी किये जाने के बाद से विभाग द्वारा बकाया कारोबारियों और कंपनियों को बकाया ब्याज की वसूली के लिये धड़ाधड़ कानूनी नोटिस भेजे जा रहे हैं। अब आलम यह है कि टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से 2 से 5 रुपये ब्याज की वसूली के लिये भी नोटिस जारी किये जा रहे हैं। इससे इस प्रक्रिया की स्पष्टता का पता चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, बकायेदार कंपनियों और कारोबारियों से सीबीआईसी को 46 हजार करोड़ रुपये के बकाये ब्याज की वसली करनी है। इसके लिये अधिकारियों को सख्ती से और तत्परता से वसूली के निर्देश दिये गये हैं। यही वजह है कि अधिकारी पुरी मस्तैदी से काननी नोटिस जारी कर रहे हैं। नोटिस में एक तयशुदा समय में बकाया रकम के भुगतान के निर्देश दिये जा रहे हैं और भुगतान ना करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है। अधिकारियों द्वारा सिंगल डिजिट में रकम की वसूली के लिये भी नोटिस भेजे जाने से कारोबारी हलके में अचरज और असमंजस दोनों दिखाई दे रहा है। कई कारोबारियों को दो रुपये, पांच रुपये ब्याज की वसूली के लिये नोटिस भेजे गये हैं। एक कंपनी को तो बाकायदा जीरो रकम की वसली का नोटिस ही थमाया गया है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि यह पूरी गणना और प्रक्रिया मशीनी स्तर पर की जा रही है। जाहिर है, इसमें रकम छोटी हो या बडी. गणना कर उसके लिये नोटिस तैयार हो रहे हैं। ऐसे में इससे ज्यादा असमंजस में पड़ने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि पिछले साल के जीएसटी कलेक्शन को लेकर बजट आकलन की तुलना में इस साल के बजट आकलन में जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य एक ट्रिलियन रुपये कम रखा गया है। अप्रैल से जनवरी तक सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन में 10.4 फसदी की दर से बढ़ोत्तरी दर्ज हुई जबकि अपेक्षित लक्ष्य के लिये वित्त वर्ष के अंतिम दो महीनों में 21 फसदी की वृद्धि दर से जीएसटी कलेक्शन को अंजाम देना होगा। यही वजह है कि अधिकारियों ने वसूली को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंकनी शुरु कर दी है। ऐसे में इस तरह की अटपटी वसूली की नोटिसें भेजे जाने से भले ही कारोबारी परेशानी महसूस कर रहे हैं कारोबारी सुगमता पर बुरा असर पड़ने की बात कही जा रही हैलेकिन अधिकारियों का साफमानना है कि कारोबारी जगत को सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिये और बकायेदारों को सरकार के साथ पूरा सहयोग करते हुये जीएसटी कलेक्शन को बढ़ाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिये